SHIVBRAHMPOTA

कछवाहा राजवंश की शिवब्रह्मपोता शाखा का इतिहास

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NEWS

शारदीय नवरात्री में चित्तौडगढ़ दुर्ग स्थित बाण माता मंदिर में हुआ धार्मिक अनुष्ठान , माता को चढ़ाये गये छप्पन भोग

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SARANGDEVOT

सिसोदिया राजवंश की कुलदेवी श्री बायण माता मंदिर में दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न

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MAHARAJA MAN SINGH AMER

सल्तनत काल और इस्लामीकरण भाग-2

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TANWAR

ग्वालियर, चम्बल, ऐसाह गढ़ी का तोमर/तंवर राजवंश

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NEWS

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष का अभिवादन समारोह जयपुर में सम्पन्न

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'रण कर-कर रज-रज रंगे, रज-रज डंके रवि हुंद, तोय रज जेटली धर न दिये रज-रज वे रजपूत " अर्थात "रण कर-कर के जिन्होंने धरती को रक्त से रंग दिया और रण में राजपूत योद्धाओं और उनके घोड़ो के पैरों द्वारा उड़ी धूल ने रवि (सूरज) को भी ढक दिया और रण में जिसने धरती का एक रज (हिस्सा) भी दुश्मन के पास न जाने दिया वही है रजपूत।"