नाथावत खांप ( शाखा ) -
सूर्यवंश में भगवान श्री रामचन्द्रजी के ज्येष्ठ पुत्र महाराज कुश के वंशज 'कछवाहा वंश' (कुशवाहा वंश) की 'नाथावत खांप' के प्रवर्तक (मूलपुरुष) वीर शिरोमणि श्री नाथाजी कछवाहा हुए।
सूर्यवंश की महान क्षत्रिय परम्परा में ढूंढाड़ क्षेत्र में कछवाहा वंश की स्थापना महाराजा श्री दुल्हराय जी द्वारा की गयी।
श्री दुल्हेराय जी कछवाहा
महाराजा श्री दुल्हराय जी के वंश में महाप्रतापी, श्रीहरि के महान भक्त, वीरवर, आमेर नरेश महाराजा पृथ्वीराज कछवाहा हुए।
आमेर के महाराजा पृथ्वीराज कछवाहा के 19 पुत्र थे। महाराजा पृथ्वीराज कछवाहा के चौथें सुपुत्र हुए वीर शिरोमणि श्री गोपालजी कछवाहा जो कि सामोद की गद्दी पर विराजे।। गोपालजी ने चाटसू के युद्ध में दिल्ली के पठान बादशाह शेरशाहसूरी को पराजित किया था। बाबर के विरुद्ध बयाना व खानवा के युद्धों में शौर्य दिखलाया। शिखरगढ़ के युद्ध में मुगलों को पराजित करने में अहम योगदान दिया था। आपने शरण मे आये शत्रु पक्ष की महिलाओ के सम्मान की रक्षा के लिए भी युद्ध लड़ा।
श्री गोपालजी कछवाहा के ज्येष्ठ पुत्र हुए वीर शिरोमणि श्री नाथाजी कछवाहा जो कि नाथावत खांप के प्रवर्तक (आदिपुरुष) थे।
नाथावतो के 9 ताजीमी ठिकाने - चौमू, सामोद, कलवाड़ा, डूंगरी, बाघावास, भूतेडा, मूंडोता, मोरीजा, रायसर। नाथावतों के जयपुर रियासत में कुल 125 खास चौकी ठिकाने थे जिनमें नाथाजी के पुत्र मनोहरदास जी के 56, रामसहायजी के 28, जसून्तजी के 5, केशोदास जी के 5, बिहारीदास जी के 2 एवं नाथाजी के कनिष्ठ भ्राता देवकरण जी के 22 और बाघा जी के 7 ठिकाने थे एवं नाथावतो के थाम्भे के गाँवो की संख्या इनके अतिरिक्त है। कभी नाथावतों की जागीर 785 घोड़ों की थी और पांच हजार घुड़सवार नाथावत सैनिक थे।
नाथावतों की माँ जमवाय कुलदेवी, अम्बिकेश्वर महादेव कुलदेव , सफेद पताका (वाल्मिकी रामायण में बतायी गयी रामराज्य की पताका) , मानव गोत्र, त्रिप्रवर-यजुर्वेद, रामोपासना, खांतड्या पुरोहित, हांफावत बारैठ, डाकजसूदी, जैसावत बड़वा जी, मंचवाल राणा, तंवर ढोला है।
नाथावत वंश क्रम की वीडियो प्रस्तुति देखने के लिए click करे
Jai rajputana 🚩
जवाब देंहटाएंJay Rajputana 🙏
जवाब देंहटाएंहुकुम इस मे भगवत गढ़ के बारे मे नही बताया? सवाई माधोपुर
जवाब देंहटाएंइस लेख में केवल ताजिमी ठिकानो के ही नाम दिए गये है, खास चौकी एवं अन्य ठिकानो के नाम जल्द ही उपलब्ध करवाये जायेंगे, कृपया भगवत गढ़ के इतिहास के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाएं क्योंकि इससे सम्बन्धित इतिहास की जानकारी नहीं मिल पाई है
हटाएंकृपया चौमू सामोद का सम्पूर्ण इतिहास
जवाब देंहटाएंजल्द ही चोमू, सामोद सहित अन्य ठिकानो का इतिहास भी यहाँ उपलब्ध हो जायेगा
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